भारतीय इतिहास में आइपीएस और आईएएस अधिकारियों का खादान बिहार को ही कहा जाता है। आज बिहार को गरीब राज्यों में सबसे ऊपर गिना जाता है। लेकिन बिहार की ये गरीबी उसमें उपजने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के आगे काफी फीकी है। इन 50 वर्षों के रेकॉर्डों को देखा जाये तो बिहार एक मात्र ऐसा राज्य है जो साक्षरता दर में केरल को भी पछाड़ रहा है। कहा तो ये भी जाता है की गणित जैसे मुश्किल विषयों में बिहार को टक्कर देने वाला कोई भी राज्य नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिहार के वो कौन से पहले आईएएस अफसर हैं जिन्होंने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए ?अगर नहीं तो आज का ये लेख आपके लिए काफी फायदे मंद साबित होने वाला है ।
ये हैं बिहार के पहले UPSC टॉपर
देश में अब तक कुल 4926 IASअधिकारी हैं। जिसमें से 452 अधिकारी तो बिहार से ही है। जिनकी गिनती दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है ,बिहार दूसरा ऐसा राज्य है जहां से ज्यादा आईएएस अफसर बनें हैं। आपको बता दें कि जगन्नाथन मुरली जो बिहार के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने 1960 में UPSC की परीक्षा में 1st रैंक लाकर बिहार का नाम पुरे भारत में रोशन किया था। इनके पिता भी ब्रिटिश काल में आईसीएस अफसर थे जिसे आज़ादी के बाद बदल कर IAS कर दिया गया।
IAS अफसरों की कहानी आसान नहीं
बिहार ने देश को कुछ ऐसे आईएएस अफसर दिए हैं जिन्होंने भारत का इतिहास भी बदला है। जिसमें से एक नाम आमिर सुभानि का है जिनकी सफलता की कहानी किसी प्रेरणा कम नहीं है। आमिर सुभानि ने अपने खेलने कूदने की उम्र में खेल के मैदानों में जनरल नॉलेज की किताबों को पढ़ना शुरू किया। जिसको लेकर उन्हें कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा जहां उन्हें लोग ये तानें मारने लगे की “कलक्टर साहब पढ़ रहे हैं पढ़ कर कलक्टर बनेंगे” लेकिन इसके बावजूद उन्होंने 1987 में UPSC की परीक्षा आल ओवर इंडिया फर्स्ट रैंक लाकर सभी को मुँह तोड़ जवाब दिया।