रामायण जिसके हर पृष्ठ पर एक ऐसी रचनात्मक गाथा लिखी गयी है जो किसी प्रेरणा से कम नहीं है। भगवान राम के जीवन पर आधारित श्री मद्भागवत रामायण वो पवित्र किताब है जिसको पढ़ते ही जीवन में एक अलग सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होने लगती है। भारत में रामायण के ऊपर कई धारावाहिक बने हैं। जिनके ज़रिये भारत के सभी लोग अपनी भाषा में रामायण के हर पात्र को समझ पाते हैं और इसकी महत्वकांशा को जान पाते हैं। रामायण ये किताब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के शिष्टाचारों को समझाता है। ये किताब उन सभी भावों से युक्त है जो एक वीर पुरुष की जीवनी को दर्शाता हो।
इस देश की राष्ट्र पुस्तक है रामायण
भारत एक ऐसा देश है जहां रामायण के किताब को पवित्र स्थल पर रखा जाता है। यहां लोग भगवत गीता की तरह ही रामायण को संभालकर रखते हैं। हमारे देश में रामायण की बहुत मान्यता है। लेकिन क्या आप जानते हैं की भारत के अलावा एक और ऐसा देश है जहां रामायण की मान्यता सबसे अधिक है ? जी हाँ थाईलैंड एशिया महाद्वीप का एकलौता ऐसा देश है जिसका राष्ट्र पुस्तक रामायण है। रामायण को थाईलैंड में रामकीर्ति ( Ramakien ) के नाम से जाना जाता है। थाईलैंड में रामायण का सबसे ज्यादा महत्त्व है।
रामचरितमानस की सभी प्रतियां हुई प्राण-प्रतिष्ठा के दिन ख़त्म
22 जनवरी 2024 के दिन जब प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम किया गया तब उससे कई दिन पहले गीता सार द्वारा रामचरितमानस को लोगों तक पहुँचाया जा रहा था। भगवान राम के पुनः अयोध्या आने की ख़ुशी में गीता सार के द्वारा छपी सभी रामचरितमानस की पुस्तके बिक चुकी थी और ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ था।