‘अतिथि देवो भवः’ इस वाक्य का महत्त्व एक भारतीय से ज्यादा कोई नहीं जान सकता है। हमारे देश में मेहमान को भगवान की तरह पूजा जाता है। जी हाँ जी-20 के दौरान भारत देश आये सभी विदेशी मेहमानों के स्वागत से ही आप पता लगा सकते हैं की भारत अतिथि का आदर-सत्कार करने में किसी भी प्रकार का कोई कमी नहीं छोड़ता। ये परम्परा सिर्फ अभी ही नहीं बल्कि सालों से चलती आ रही है। पुराने ज़माने की बात की जाए तो जब भी हमारे देश में कोई मेहमान आता था तो उसका सत्कार भगवान की तरह ही किया गया। हमारे देश में कई स्थल ऐसे हैं जो किसी के याद में बनाए गए हैं फिर चाहे वो आगरा का ताजमहल हो या फिर दिल्ली का इंडिया गेट। इसी तरह एक और राज्य है जहां सालों पहले विदेशी मेहमान का सत्कार कुछ इस प्रकार किया गया की पुरे शहर का रंग रूप ही बदल दिया गया।
जयपुर को पिंक सिटी बुलाने की वजह
हमारे देश में कुछ ऐसे कार्य हो चुके हैं जिनको ऐतिहासिक रूप दिया गया। सुंदरता के मामले में हमारा देश किसी से भी पीछे नहीं है। फिर चाहे बात शिमला की हो या फिर राजस्थान के जयपुर की। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जयपुर को गुलाबी नगर क्यों कहा जाता है? इसके पीछे का कारण क्या है? जयपुर को पिंक सिटी कहे जाने के पीछे एक लंबी कहानी है जिसे जानने में आपकी दिलचस्पी भी काफी बढ़ रही होगी। तो आईए जानते हैं कि आखिरकार जयपुर को पिंक सिटी पुकारने की वजह क्या है?
किसने की जयपुर की स्थापना ?
कभी ना कभी तो अपने जयपुर घूमने का प्लान जरूर ही बनाया होगा। जिसमें आपने ये भी देखा होगा की यह शहर पूरी तरह से गुलाबी है और इसमें मौजूद सभी घरों पर गुलाबी रंग की पुताई की गई है। फिर चाहे वह घर कितना ही बड़ा और छोटा क्यों ना। बता दें कि जयपुर की स्थापना के 100 साल बाद इसे पिंक सिटी का नाम दिया गया। इस शहर की स्थापना महाराजा हवाई जय सिंह ने की थी। और इसी कारण इसका नाम जयपुर रखा गया।
जयपुर के राजा ने बनाया इस शहर को ख़ास
दरअसल, 1876 की शुरुआत में इंग्लॅण्ड की रानी महारानी एलिज़ाबेथ, युवराजअल्बर्ट के साथ भारत पधारी थी। जिनके स्वागत में जयपुर के राजा सवाई रामसिंह ने पुरे शहर को दुल्हन की तरह सजा दिया था। इतना ही नहीं बल्कि उनके के मन में ये भी सूझा था की क्यों ना पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगवा दिया जाए। यह पूरी सोच जयपुर के राजा सवाई राम सिंह की थी की शहर को एक नया रूप देकर, अतिथिगण का शानदार स्वागत किया जाए। कुछ ही दिनों के अंदर उन्होंने कुछ उच्च अधिकारियों से बात कर कुछ ही दिनों में पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंग डाला । जिसके बाद से ही इसे पिंक सिटी के नाम से पुकारा जाने लगा।