लोकसभा चुनाव में आज चौथे चरण की वोटिंग की जा रही है। चौथे चरण में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 96 सीटों पर आज वोटिंग की जा रही हैं। इस फेज में 1717 उम्मीदवारों मैदान में उतरे है जिनकी किस्मत का आज फैसला होगा। इसी बीच मध्य प्रदेश में चुनावों को लेकर चुनाव आयोग को एक बड़ी चुनौती का सामना करना होगा। दरअसल, मध्य प्रदेश की इस बार 7 लोकसभा सीटों पर वोटिंग की जा रही है लेकिन निर्वाचन आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है मतदान का स्कोर बढ़ाना। पहले तीन चरणों में वोटिंग स्कोर बेहद लौ था जिसके बाद चौथे चरण को लेकर निर्वाचन आयोग ने जमकर कवायद की लेकिन रिपोर्ट्स की माने 2019 के मुकाबले इस बार 5 प्रतिशत वोटिंग कम हुई हैं।
चौथे चरण में हो सकता है ज्यादा मतदान
मध्य प्रदेश में आज 8 सीटों पर वोटिंग की जा रही हैं। लेकिन अब तीन चरण की वोटिंग में मतदान स्कोर कम रहा लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि चौथे चरण में ये अकड़ा बढ़ सकता हैं। बता दें कि इस बार तीन चरणों में वोटिंग कुल 67.75 फीसदी, 58.59 फीसदी और 66.75 फीसदी ही हुई हैं। कुल मिला के तीनों चरणों का औसत 64.76 रहा हैं। जबकि 2019 में मध्य प्रदेश में चार चरणों की औसत 71.16 फीसदी रही थी। इस लिहाज से प्रदेश में पिछले चुनाव की औसत वोटिंग के करीब पंहुचा एक मुश्किल चुनौती हैं।
बता दें कि चौथे चरण में मध्य प्रदेश के धार, रतलाम, उज्जैन, देवास, खंडवा, खरगोन और मंदसौर जैसी आदिवासी बहुलता वाली सीटों पार मतदान हो रहा हैं। निर्वाचन आयोग के सूत्रों का कहना है कि चौथे चरण की वोटिंग से अधिक उम्मीदें थी और इसका एक बड़ा कारण ये भी है कि चौथे चरण के चुनाव वाले इलाके में आदिवासियों की संख्या ज्यादा हैं जहाँ परंपरागत रूप से अधिक वोटिंग होती हैं। इसको देखते हुए निर्वाचन आयोग उम्मीद कर रहा है कि आज सोमवार को अच्छी वोटिंग हो सकती हैं।