भारतीय जनता पार्टी इस बार लोकसभा चुनावों में 400 पर का लक्ष्य लेकर चल रही हैं और बीजेपी का मानना भी यही है कि उन्हें इस बार चुनावों में 400 पार सीटे ही मिलेंगी लेकिन वहीँ दूसरी तरफ विपक्ष का दावा है कि उन्हें इस बार 250 सीटे भी नहीं मिलेंगी। अब इस जंग में कौन जीतता है और कौन हारता है इसका पता तो 4 जून को ही लग पाएगा। लेकिन बीजेपी के इस टारगेट को लेकर अब रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी का नाम लेकर एक भविष्यवाणी की हैं जो कही न कही बीजेपी को निराश कर सकती हैं। तो आखिर क्या कहा है प्रशांत किशोर ने चलिए आपको बताते हैं।
क्या कहा प्रशांत किशोर ने ?
रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लोगों में जो उत्साह रहता था, वह पिछले 10 साल में निराश और नाराजगी की और बढ़ा हैं। इसके लिए विपक्ष के किसी प्रयास की ज़रूरत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि,” मेरा मानना है कि चुनावी नतीजों के बाद आप लोगों में बेचैनी नज़र आएगी और जन आंदोलन भी होंगे।” मूल रूप से बिहार के रहने वाले पीके ने यह भी बताया कि उनकी भविष्यवाणी हवा-हवाई नहीं हैं। उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी के पहले कार्यालय (2014-2019) में सिर्फ भूमि अधिग्रहण के मामले पर प्रदर्शन हुआ था जबकि दूसरे कार्यालय (2019-2024) में सीएए- एनआरसी पर, किसानों के मुद्दे पर और एससी, एसटी राइट एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रदर्शन हुआ। ऐसे में लोगों की असहमति और प्रदर्शन में तीन गुणा इज़ाफ़ा हुआ हैं।
प्रशांत किशोर ने ये भी बताया कि इसमें कोई दोराय नहीं हैं कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार फिर आ रही हैं पर बीजेपी की सीटों का अकड़ा सुधरेगा। पश्चिम और उत्तर में बीजेपी का कोई भी बड़ा नुकसान नहीं होगा। मुझे मूल रूप से चीजें बदलती नज़र आ रही हैं। जो स्तिथि जनवरी-फ़रवरी में थी वहीँ मार्च-अप्रैल में थी। जमीन पर विपक्ष है… ऐसा नहीं हैं। जमीन पर विरोध बहुत हैं। विपक्षी दाल उस स्तिथि में नहीं हैं कि वे उसे वोट में तब्दील करवाएं। पीके ने आगे ये भी कहा कि नरेंद्र मोदी जब आपको बड़ी-बड़ी बातें कहते हुए नज़र आएं रब समझ जाइए कुछ प्रॉब्लम हैं। जब वह 400 सीटों की बात कर रहे थे तब उन्हें जमीनी हकीकत दिख रही थी कि स्तिथि वैसे नहीं हैं जितना उन्होंने पेंट किया या कराया हैं।”