जम्मू- कश्मीर में आचार संहिता का उल्लंघन करने पर पीडीपी की अध्यक्ष मेहबूबा मुफ़्ती और अन्य नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई हैं। बता दें कि कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी का आरोप लगाते हुए वोटिंग के दिन मेहबूबा मुफ़्ती ने 25 मई को बिजबेहरा में धरना दिया था जिसके बाद उनके पर FIR हुई और एफआईआर दर्ज होने के बाद मेहबूबा मुफ़्ती ने अब अपनी प्रतिक्रिया दी हैं। पीडीपी अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X [पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमे वह FIR की तस्वीरें शेयर कर अपना दुःख जाहिर करते हुए नज़र आ रही हैं। तो आखिर मेहबूबा मुफ़्ती ने क्या कहा है चलिए आपको बताते हैं।
सच बोलने की कीमत चुकाई है- मेहबूबा मुफ़्ती
पीडीपी अध्यक्ष मेहबूबा मुफ़्ती ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि,” यह जानकर आश्चर्य हो रहा है कि एमसीसी का उल्लंघन करने के आरोप में मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। पीडीपी ने सरकार के खिलाफ सच बोलने की कीमत चुकाई हैं। हमारा प्रदर्शन भारत सरकार के खिलाफ वोटिंग से पहले स्थानीय प्रशासन से मिलीभगत कर पीडीपी के सैकड़ों पोलिंग एजेंटो और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने को लेकर था।”
मेहबूबा मुफ़्ती ने आगे लिखा कि,”इतने से भी मन नाही भरा तो हमारे मतदताओं को आतंकित करने और उन्हें मताधिकार के इस्तेमाल से रोकने के लिए उसी प्रशासन ने पीडीपी के पारंपरिक गढ़ में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू कर दिया।”
FIR में 144 धारा का दिया हवाला
आपको बता दें कि FIR में लिखा गया है कि,” 25 मई को मेहबूबा मुफ़्ती के नेतृत्व में पीडीपी के नेता बिजबेहरा शहर में जुटे और पार्टी कार्यकर्ताओं को रिहा करने को लेकर नारेबाजी की जो कि चुनावी आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन हैं। पीडीपी के कार्यकर्ताओं ने मुख्य मार्ग को ब्लॉक कर दिया और बिजबेहरा के मुख्य केंद्र में एक घण्टे से ज्यादा वक़्त प्रदर्शन किया जो कि अनंतनाग-राजौरी में लागू 144 धारा का उल्लंघन हैं। यह अपील की जाती है कि मेहबूबा मुफ़्ती और उन कार्यकर्ताओं के खिलाफ नियम के तहत कार्रवाई की जाए, जिनकी पहचान पुलिस ने की हैं।”