लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने का इस बार प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। इस बार पार्टी ने खुद के दम पर बहुमत का आकड़ा भी पार नहीं किया लेकिन इसी बीच अब खबरें यह आ रही है कि बीजेपी और आरएसएस के बीच के रिश्ते ख़राब हो गए हैं। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले ही आरएसएस से दुरी बनाना शुरू कर दिया था। इसके अलावा एक इंटरव्यू के दौरान बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने कहा था कि आरएसएस एक सामाजिक संगठन हैं जबकि बीजेपी राजनीतिक दल हैं। अब हम आगे बढ़ चुके हैं। पहले से ज्यादा सक्षम हो चुके हैं। ऐसे में अब आरएसएस की जरुरत उतनी नहीं हैं। जेपी नड्डा का यह बयान और लोकसभा चुनाव से पहले आरएसएस से दुरी बना लेना अब कही न कही विपक्ष को भी एक मौका दे रहा हैं और हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि कांग्रेस नेता उदित राज ने बीजेपी को इस बात के लिए अब तंज कसा हैं। उदित राज ने शुक्रवार को कहा कि,”आरएसएस और बीजेपी के बीच वो पहली वाली बात नहीं रही हैं दोनों के रिश्ते बिगड़ गए हैं। बीजेपी ने आरएसएस को किनारे कर दिया हैं।”
RSS के इस सदस्य ने भी साधा था बीजेपी पर निशाना
लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार को लेकर आरएसएस के उच्च अधिकारियों ने भी बीजेपी को तंज कसा था। वहीँ हाल ही में गुरुवार को आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने भी भाजपा पर निशाना साधा था। इंद्रेश कुमार ने कहा था कि,” राम की पूजा करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई इसलिए भले ही वह 2024 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनी हैं। मगर उसे अकेले पूर्ण बहुमत में जो सत्ता मिलनी थी वो उसे भगवान राम ने अहंकार की वजह से नहीं दी।” आपको बता दें कि इंद्रेश कुमार ने जब यह बयान दिया तब उन्होंने एक बार भी बीजेपी का नाम नहीं लिया मगर 240 सीटों के साथ वही सबसे बड़ी पार्टी बनी हैं।
इसके बाद इंद्रेश कुमार ने बीजेपी के साथ-साथ इंडिया गठबंधन को भी अपने निशाने पर लिया और कहा कि,”राम का विरोध करने वाले किसी भी दल को सत्ता नहीं मिली। सभी को मिलाकर भी वो दूसरे नंबर पर ही खड़े रहे। भगवान का न्याय बड़ा सत्य और आनंददायक हैं।” आरएसएस नेता ने आगे यह भी कहा कि,”भक्ति करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई उसे 241 पर ही भगवान ने रोक दिया लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया और जिनकी राम में आस्था नहीं थी उन सबको मिलकर भगवन ने 234 पर ही रोक दिया।
मोहन भागवत ने भी किया था बीजेपी के अंहकार का जिक्र
आपको बता दें कि इंद्रेश कुमार से पहले मोहन भागवत ने भी बीजेपी पर निशाना साधा था उन्होंने बिना नाम लिए कहा था कि,”जिसको वास्तविक सेवक कहा जाता हैं वह हमेशा मर्यादा में चलता है। एक सच्चे सेवक में अहंकार नहीं होता और वह गरिमा बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता हैं।” नागपुर के एक कार्यक्रम में पहुंचे संघ प्रमुख ने कहा था कि,”सच्चा सेवक कर्म करता हैं लेकिन कर्मो में लिपटा नहीं होता हैं। उसमे अहंकार नहीं आता हैं कि मैंने इसे किया हैं। वही सेवक कहलाने का अधिकारी होता हैं।”