दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल 2 जून को अपनी 21 दिन की जमानत पूरी करके वापिस तिहाड़ जेल में चले गए थे। लेकिन इससे पहले 28 मार्च को आबकारी मामले से जुड़े दिल्ली में सुनवाई हुई थी जिसकी रिकॉर्डिंग भी की गई थी और रिकॉर्डिंग को अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने अपने सारे सोशल मीडिया एकाउंट्स पर शेयर कर दी थी। लेकिन अब दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनीता केजरीवाल को शराब नीति से जुड़े मामले में अदालती सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया मंच से हटाने का निर्देश दिया हैं। वीडियो की बात करे तो उसमे साफ़ देखा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल एक ट्रायल कोर्ट को संबोधित करते हुए नज़र आ रहे हैं। कोर्ट ने क्या कहा है सुनीता केजरीवाल के लिए चलिए आपको बताते हैं।
सुनीता केजरीवाल के खिलाफ हुआ नोटिस जारी
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा और अमित शर्मा के बेंच ने उल्लंघन का आरोप लगा रही वाली याचिका पर सुनीता केजरीवाल और सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स, मेटा और यूट्यूब सहित 6 लोगों को नोटिस जारी किया हैं। अदालत ने एक पक्षीय अंतरिम आदेश पारित किया और कहा कि मामले में आगे की सुनवाई 9 जुलाई को होगी।
याचिका में ये लगाया गया आरोप
आपको बता दें कि सुनीता केजरीवाल के खिलाफ इस याचिका को वकील वैभव सिंह द्वारा दायर की गई थी। अपनी याचिका में वैभव सिंह ने दावा किया है कि जब 28 मार्च को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में गिरफ़्तारी के बाद अरविन्द केजरीवाल को ट्रायल रूम में पेश किया गया था। अदालत को व्यक्तिगत रूप से सम्बोधित करने का विकल्प चुना गया और कार्रवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट की गई जो दिल्ली उच्च न्यायालय के अदालतों के लिए वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग नियम 2021 के तहत निषिद्ध हैं।