दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके से कांग्रेस पार्टी ने कन्हैया कुमार को उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया हैं। कन्हैया इस सियासी मैदान में भारतीय जनता पार्टी के मनोज तिवारी को टक्कर देंगे। जानकारी के मुताबिक इस सीट पर टिकट देने के लिए कन्हैया कुमार की पैरवी खुद राहुल गाँधी ने की हैं। टिकट मिलने के बाद कन्हैया कुमार ने मनोज तिवारी और भाजपा दोनों पर ही निशाना साधा हैं। कन्हैया कुमार ने मनोज तिवारी को लेकर कहा कि कोई ना कोई तो सामने होगा ही, व्यक्ति अहम नहीं होता, विचार और मुद्दा महत्वपूर्ण होता है। जनता तय करेगी कि उन्होंने (मनोज तिवारी) काम किया है या नहीं।
बीजेपी काम नहीं करती – कन्हैया
कन्हैया कुमार यही नहीं रुके बल्कि मनोज तिवारी के बाद उन्होंने पूरी भाजपा पार्टी पर भी तंज कसा, उन्होंने ने कहा कि, “दिल्ली में बीजेपी काम नहीं करती, सिर्फ और सिर्फ INDIA ब्लॉक की पार्टियों को बिना वजह परेशान करती है। मैं दिल्ली के लोगों और प्रदेश कांग्रेस कमेटी, सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेतृत्व को धन्यवाद देना चाहता हूँ। यह फैसला देश को एक संदेश देगा कि हम लोकसभा चुनाव मज़बूती से लड़ रहे हैं और हम अपने इंसाफ की लड़ाई जारी रखेंगे”।
कांग्रेस ने खेला बड़ा दाव
बता दें कि इस बार कांग्रेस बीजेपी को पूरी तरह से शिकस्त देने के लिए तैयार है इसलिए इस बार खुद राहुल गाँधी ने कन्हैया कुमार की पैरवी की और एक बिहारी कैंडिडेट के सामने एक बिहारी कैंडिडेट को खड़ा करके एक बड़ा सियासी दांव खेल लिया। दरअसल, नार्थ ईस्ट का ये इलाका उत्तर प्रदेश से भी जुड़ा हुआ है। इस इलाके में बिहार, हरयाणा से आए बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। कहा जाता है कि इस इलाके में पूर्वांचल के वोटर्स की संख्या अच्छी खासी है। कुछ सोर्सेज का ये भी कहना है कि पूर्वांचल और बिहारी वोटो कि संख्या के कारण मनोज तिवारी पिछले दो लोकसभा चुनावों 2014 और 2019 में भारी अन्तर से जीते थे।
लेकिन पूर्वांचल और बिहारी वोटर्स के साथ-साथ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वोटर्स को मिला दिया जाए तो कन्हैया इस चुनाव में मनोज तिवारी को सीधा चुनौती देने की स्थिति में है। सीधे शब्दों में कहे तो कन्हैया के आ जाने से चुनावी मैदान में लड़ाई दिलचस्प हो गई हैं।