सोशल मीडिया प्लेटफार्म वॉट्सऐप को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई हैं। दरअसल, वॉट्सऐप और इसकी पैरेंट कंपनी मेटा ने साल 2021 में देश में लाए गए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी हैं। दोनों की याचिकाओं की सुनवाई 25 अप्रैल को की गई। जिसमे वॉट्सऐप की ओर से पेश हुए वकील ने ये कहा कि उसे एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मज़बूर किया जाता है तो वह भारत में काम करना बंद कर देंगे और यहाँ से हमेशा के चले जाएंगे। वकील ने ये भी कहा कि लोग वॉट्सऐप का इस्तेमाल इसकी प्राइवेसी की खूबी के लिए करते हैं। वे जानते है कि इस पर भेजे जाने वाले एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड रहते हैं।
कब लागू हुआ आईटी नियम ?
केंद्र सरकार ने 25 फ़रवरी 2021 को इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 का एलान किया था। इसमें कहा गया था कि ट्विटर, वॉट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे बड़े प्लेटफार्म को नए नियमों को मानना होगा। इसमें कहा गया है कि कंपनी को प्राइवेसी पॉलिसी का ध्यान रखना होगा। साथ ही ऐसे प्रयास करने होंगे कि जिनके जरिए यूजर्स प्रतिबंधित कंटेट को न तो बना पाएं और न ही अपलोड कर पाएं।
क्या भारत छोड़ के चला जाएगा वॉट्सऐप ?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वॉट्सऐप की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट में वकील तेजस कारिया पेश हुए और उन्होंने चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोरा की पीठ से कहा कि,” एक प्लेटफार्म के तोर पर हम काम कर रहे है, अगर हमे एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मज़बूर किया जाता है तो वह भारत में काम करना बंद कर देंगे और यहाँ से हमेशा के चले जाएंगे।