इंदौर में सूरत पार्ट 2, क्या ऐसे 400 पार करना चाहती है बीजेपी

लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा गरमाया हुआ है। इसी बीच तीसरे चरण से पहले मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। दरअसल, तीसरे फेज में मध्य प्रदेश की 9 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। लेकिन मतदान से पहले ही इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापिस ले लिया हैं।

लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा गरमाया हुआ है। इसी बीच तीसरे चरण से पहले मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। दरअसल, तीसरे फेज में मध्य प्रदेश की 9 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। लेकिन मतदान से पहले ही इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापिस ले लिया हैं। उन्होंने आज सुबह यानी (29 अप्रैल ) को कलेक्टर जा कर अपना नामांकन वापिस लिया हैं। अक्षय कांति ने नामांकन वापिस करने के बाद तुरंत बीजेपी का हाथ थाम लिया हैं। लेकिन ऐसा कारण रहा जिसके चलते अक्षय कांति ने कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी का हाथ थाम लिया ? क्या ऐसे ही 400 पार करना चाहती है बीजेपी ?

बलि का बकरा बन गए थे अक्षय कांति

रिपोर्ट्स की माने तो अक्षय कांति अपने ही पार्टी के नेताओं की अवहेलना से नाराज़ थे यहाँ तक कि जब अक्षय नामांकन दाखिल करने गए थे तब उनके साथ कांग्रेस का कोई भी बड़ा सदस्य उनके साथ नहीं था। अक्षय खुद ही अपने पार्टी के नेतृत्व से नाराज़ चल रहे थे। जिसके बाद उन्होंने कई मौके पर ये भी कहा था कि पार्टी ने उन्हें बलि का बकरा बना दिया था

बीजेपी में हुए अक्षय कांति शामिल

बता दें कि नामांकन वापिस करते समय अक्षय कांति के साथ भाजपा विधायक रमेश मंडोला मौजूद थे। नामांकन वापिस करने के तुरंत बाद ही भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अक्षय के साथ एक सेल्फी शेयर की और लिखा कि इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव जी और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जी के नेतृत्व में भाजपा में शामिल स्वागत करते हैं।

क्या ऐसी ही भाजपा करेगी 400 पार

विपक्ष के लोगों को अपनी पार्टी में शामिल करने से भाजपा के आगे चुनावी मैदान में कोई नहीं बच रहा है। इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि कही ना कही ये भाजपा की रणनीति है जिससे वह आसानी से लोकसभा चुनावों में अपनी जीत दर्ज कर ले। आपको बता दें किइससे पहले भी सूरत से भी एक कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया था जिसके बाद अन्य 8 प्रत्याशियो कि ओर से अपना नाम वापिस लिए जाने के कारण भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध जीत गए। तो क्या इसी एजेंडा के साथ भाजपा इस बार लोकसभा चुनाव में 400 पार सीटे करेगी। क्या विपक्ष को जनता द्वारा अच्छा समर्थन मिलने से भाजपा ऐसे ही रास्ते का इस्तेमाल करेगी ? ये एक बड़ा सवाल हैं।

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