वेटर की नौकरी करने के साथ होटलों में खाना भी बना चुके हैं अक्षय कुमार  

राजीव से अक्षय कुमार तक का सफर काफी मेहनत भरा है जी हाँ हम उसी अक्षय कुमार की बात कर रहे हैं जो अपनी फिल्मों में हर एक्शन स्टंट खुद करना ही सही समझते हैं।

राजीव से अक्षय कुमार तक का सफर काफी मेहनत भरा है जी हाँ हम उसी अक्षय कुमार की बात कर रहे हैं जो अपनी फिल्मों में हर एक्शन स्टंट खुद करना ही सही समझते हैं। अमृतसर में जन्में अक्षय कुमार, चांदनी चौक की गलियों में बचपन गुज़ारने से लेकर हिंदी फिल्मों में अपनी जगह बनाने तक कई दौर से गुज़र चुके हैं।  अक्षय कुमार ने अपने फिल्मीं करियर की शुरआत 1990 में फिल्म सौगंध से की थी। अक्षय कुमार ने एक्शन से लेकर कॉमेडी तक हर प्रकार की फिल्मों से फैंस का दिल जीता है।अक्षय कुमार का रूतबा आज भी बड़े परदे पर कायम है।  आज जब भी उनकी कोई फिल्म आती है तब-तब फैंस तालियां बजाते हुए नहीं थकते हैं।  लेकिन क्या आप जानते हैं की अक्षय कुमार की इस ज़िन्दगी के पीछे काफी मुश्किलें भी थी? अगर नहीं तो आज हम आपको बताएँगे कि कैसे चांदनी चौक से उठकर पद्मश्री से सम्मानित हुए अक्षय कुमार ने वेटर के काम से लेकर चपरासी का भी काम किया है।  

अक्षय कुमार एक अभिनेता के साथ-साथ ताइक्वांडों में ब्लैक बेल्ट हैं साथ ही उनकी रुचि मार्शल आर्ट्स में भी थी, जिसको सीखने के लिए वह बैंकॉक गए थे।  जहां उन्होंने खाली वक़्त में शेफ के साथ-साथ वेटर का भी काम किया। इसके साथ ही वह मार्शल आर्ट्स सीखाते-सीखाते कलकत्ता में चपरासी की नौकरी भी कर चुके हैं।  वे भारत में बच्चों को मार्शल आर्ट्स सिखाते थे।  उनकी करियर की शुरुआत ही यहीं से हुई जहां उनके एक स्टूडेंट ने उन्हें कहा की वे काफी हैंडसम हैं उन्हें मॉडलिंग करनी चाहिए जिसके बाद ही उनके अच्छे किस्मत ने उनका साथ दिया और वे अब बॉलीवुड के बिग एक्टर्स में से एक हैं।  उन्हें बॉलीवुड का खिलाड़ी भी कहा जाता है।    

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